नशा तस्करों की संपत्ति जब्त हो, सराहनीय कदम
- By Vinod --
- Wednesday, 04 Jan, 2023
Property of drug smugglers should be confiscated
Property of drug smugglers should be confiscated- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab CM Bhagwant Mann) की राज्य में नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए उनकी संपत्ति जब्त (Confiscated Property) करने जैसी कार्रवाई समय की मांग है। आजकल देशभर में नशाखोरी और नशे का खरीद-फरोख्त जिस प्रकार से बढ़ रही है, वह जनसामान्य को इसकी लत लगा रही है। पंजाब में नशाखोरी हद दर्जे तक बढ़ चुकी है और गांव-देहात एवं शहरों में बड़ी तादाद में इसके पीड़ित युवा एवं लोग मिल रहे हैं।
बीते समय में राज्य सरकारों (State Governments) की ओर से नशे के खिलाफ कदम उठाए जाते रहे हैं, लेकिन इतने प्रभावी तरीके से कभी कार्रवाई नहीं की गई। अब आम आदमी पार्टी की सरकार (AAP Government) ने अगर इसका साहस दिखाया है तो यह काबिले तारीफ है। उत्तर प्रदेश वह पहला राज्य है, जिसने गैंगस्टर, अपराधियों और नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति पर बुलडोजर चलाए हैं। इस कार्रवाई की आलोचना भी हुई है। हरियाणा में भी सरकार की ओर से ऐसी ही कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। बीते दिनों विधानसभा के शीत सत्र में यह मामला पुरजोर तरीके से उठाया गया था, लेकिन सरकार ने अपनी कार्रवाई को सही ठहराया था।
पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान यह बेहतर तरीके से समझते हैं कि नशे का जाल किस कदर फैला हुआ है। इसे तोडऩे के लिए पुलिस प्रणाली को संगठित किए जाने की जरूरत है। राज्य में नशे के कारोबार को राजनीतिक संरक्षण भी हासिल है। अपने फायदे के लिए युवाओं को इस नर्क में धकेल चुके राजनीतिक साफ बच निकलते हैं, लेकिन फंसते हैं तो बेकसूर युवा। ऐसे में नशा तस्करों की रीढ़ तोडऩे के लिए सरकार की ओर से कठोर कार्रवाई जरूरी है। नशे के धंधे से इसके सौदागर बड़ी-बड़ी संपत्ति बनाकर बैठे हैं, बेशक उन पर केस चल रहे हों, लेकिन किसी को भी ऐसी कड़ी सजा नहीं मिलती कि उन्हें सबक मिल सके।
ऐसे में मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) के पुलिस अधिकारियों (Police Officer's) को यह निर्देश कि अगर नशा तस्करों की सम्पत्ति जब्त करने के लिए कानून में संशोधन की जरूरत पड़े तो उसे फौरन अमल में लाया जाए, अपने आप में अहम घटनाक्रम है। पुलिस के पास उन नशा तस्करों का पूरा ब्योरा होगा, जोकि इस कार्य में लिप्त हैं, लेकिन न पुलिस (Punjab Police) का मन ऐसे अपराधियों पर हाथ डालने का होता है और न ही राजनीतिक (Politics) इच्छाशक्ति सामने आती है। कहते हैं कि किसी थाने का थरोगा अगर यह सोच ले कि उसके थाने के दायरे में कोई अपराध नहीं होगा तो यह सच भी हो सकता है। पुलिस चाहे तो कोई अपराध के बारे में सोचेगा तक नहीं। हालांकि राज्य सरकार की भी मंशा अपराध को खत्म करने की हो जाए तो फिर पुलिस को अपनी कमर कसनी ही होगी।
मुख्यमंत्री मान की यह चेतावनी जरूरी है कि किसी भी जिले के पुलिस अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में अगर नशा बिकता हुआ पाया जाता है तो इस कोताही के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने नशा तस्करी में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। वास्तव में पंजाब की जनता को अब नशे के खिलाफ बुलंद आवाज उठानी होगी। राज्य में युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है और हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठा जा सकता।
सरकार (Government) ने खुद आह्वान किया है कि गांवों के लोग अपने-अपने गांव को नशा मुक्त बनाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने को यकीनी बनाएं। अगर ऐसा हुआ तो उन गांवों को ग्रामीण विकास फंड के तहत अलग-अलग ग्रांट व अन्य लाभ देने की पहल की जाएगी। इसके अलावा ऐसे गांवों की सुरक्षा को भी यकीनी बनाया जाएगा। ऐसी रिपोर्ट हैं कि राज्य सरकार की ओर से नशा तस्करी में शामिल उन आरोपियों जिन्हें भगोड़ा करार दिया गया है, को पकडऩे के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इस अभियान के तहत अब तक पांच सौ से ज्यादा भगोड़े अपराधियों को पकड़ा जा चुका है।
दरअसल, नशा ऐसा जहर है, जिसकी रोकथाम जरूरी है। पंजाब में नशाखोरी इसका पर्याय बन चुकी है। पंजाब में गैंगस्टर, नशाखोरी, जहरीली शराब, अवैध कब्जे, भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं। आम आदमी पार्टी राज्य में बदलाव लाने का दावा करते हुए सत्ता में आई है। उसकी घोषणाओं के बूते ही उसे इतना भारी जनमत नहीं मिला है, अपितु जनता ने यह भी देखा है कि जो पिछली सरकारें नहीं कर सकी, वे काम अब आप सरकार के दौरान होंगे। यही वजह है कि सरकार से जनता को बड़ी उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपनी घोषणाओं के अमल पर नजर भी रखनी होगी, क्योंकि अधिकारियों का काम सुनना भी है, उस पर कार्रवाई सुनिश्चित करना राजनीतिक नेतृत्व का काम है।
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